आस निरास : राजकुमार | Aas Niraas : Rajkumar के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : आस निरास : कहानी संग्रह है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rajkumar | Rajkumar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Rajkumar | इस पुस्तक का कुल साइज 10 MB है | पुस्तक में कुल 166 पृष्ठ हैं |नीचे आस निरास : कहानी संग्रह का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आस निरास : कहानी संग्रह पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Aas Niraas : Hindi Stories Collection | This Book is written by Rajkumar | To Read and Download More Books written by Rajkumar in Hindi, Please Click : Rajkumar | The size of this book is 10 MB | This Book has 166 Pages | The Download link of the book "Aas Niraas : Hindi Stories Collection" is given above, you can downlaod Aas Niraas : Hindi Stories Collection from the above link for free | Aas Niraas : Hindi Stories Collection is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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कलाकारका हृदय चुप नहीं बैठ सकता । धरतीके नीचेका जीवदार पानी पत्थर तोड़कर निकल आता है। प्रकृति अपनी कला छिपा नहीं सकती । कोपलोंमें फूट निकलती हैं। प्रेमी अपने प्रेमकी व्यथा और संयोगकी सुधा दोनों को दूसरों के कानों में डालना चाहता है। अनुभूति वाला हृदय बिना अपनी अनुभूति व्यक्त किये जी नहीं सकता और हम इस पुस्तकमें एक भावुक हृदयके नेगेटिव प्लेटकी छाप देखते हैं । प्लेट बहुत सचेत होता है। कहीं भी प्रकाशकी रेखा पड़ी सामनेकी चीज उसपर उतर आयी और जब नेगेटिव बन गया तब तो कुछ रासायनिक घोलकी ही आवश्यकता है कागजपर छापने की अपेक्षा है। जो कहानियाँ लेखकने इस संकलनमें हमारे सामने रखी हैं वह स्पष्ट ही लेखकके हृदयकी बोली हैं।
इस संग्रहमें लेखककी चौदह कहानियाँ हैं। प्रत्येफमें किसी घटनाका चित्र है। घटना वैसी है जो हमारे बीच होती रहती है। किन्तु प्रत्येक घटना भावुकतासे रंगी है। जैसी सूतकी साड़ी होती है। किन्तु फीरोजी, पिस्तई, बादामी, पियाजी, जोगेया, नारंगी रंगोंसे रंग देने पर उसकी छटा, उसकी ढब निराली हो जाती है, मनमोहक हो जाती है, इसी प्रकार इन कहानियोंकी घटनाओं को भी लेखकने अपनी कलमसे ऐसा सँवार दिया है कि वह चित्तको आकृष्ट कर लेती है। भाषामें न दार्शनिकों की गम्भीरता है जो कानों को कटु बना देती है न सिनेमा स्टारसा चुलबुलापन है जो केवल नयनाभिराम है और हृदयको स्पर्श नहीं करता ।
| उत्सुकता कहानीकी प्राण है। संग्रहकी प्रत्येक कहानी अनुप्राणित है। देशमें जो राजनीतिक जागरण हो रहा है उसका प्रभाव किसी