अछूत कौन थे और वे अछूत केसे बने | Achhut Kaun The Aur Ve Achhut Kese Bane के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : अछूत कौन थे और वे अछूत केसे बने है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. B. R. Ambedkar | Dr. B. R. Ambedkar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dr. B. R. Ambedkar | इस पुस्तक का कुल साइज 21.4 MB है | पुस्तक में कुल 179 पृष्ठ हैं |नीचे अछूत कौन थे और वे अछूत केसे बने का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अछूत कौन थे और वे अछूत केसे बने पुस्तक की श्रेणियां हैं : politics, history
Name of the Book is : Achhut Kaun The Aur Ve Achhut Kese Bane | This Book is written by Dr. B. R. Ambedkar | To Read and Download More Books written by Dr. B. R. Ambedkar in Hindi, Please Click : Dr. B. R. Ambedkar | The size of this book is 21.4 MB | This Book has 179 Pages | The Download link of the book "Achhut Kaun The Aur Ve Achhut Kese Bane" is given above, you can downlaod Achhut Kaun The Aur Ve Achhut Kese Bane from the above link for free | Achhut Kaun The Aur Ve Achhut Kese Bane is posted under following categories politics, history |
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इन वर्गों का अतिरप एक कलंक है। इन सामाजिक सृष्टियों के संदर्भ में यदि हिंदू समाज को मापा जाए तो इसे कोई राम्य समाज नहीं कह सकता। मानवता का उत्पीड़न और दमन करने के लिए इसका यह एक पैशाचिक धूर्तता हैं नाग इसका तो कलंक होना चाहिए। इस सभ्यता को और क्या नाम दिया जाए जिसने ऐसे समाज को जन्म दिया हो, जिसे अपने भरण-पोषण के लिए। अपराध करने की मान्यता प्राप्त हो। एक अन्य वर्ग को सभ्यता के नाम पर आदिकाल से ही बर्बरतापूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए बाध्य किया हो और तीसरा यह जन समूह है जिसके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता हो, जिसको छुने । भर से अपवित्रता का दोष लग जाए। किसी अन्य देश में यदि ऐसी जातियां रहतीं तो लोग अपने मन को टटोलते और इनके नूल का पता लगाते परंतु इस बारे में हिंदुओं के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। कारण सीधा-सा है।
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