अग्नि-पुराण भाग २ | Agni Puran Part 2

अग्नि-पुराण भाग २ | Agni Puran Part 2

अग्नि-पुराण भाग २ | Agni Puran Part 2 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : अग्नि-पुराण भाग २ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shriram Sharma Acharya | Shriram Sharma Acharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 8.58 MB है | पुस्तक में कुल 486 पृष्ठ हैं |नीचे अग्नि-पुराण भाग २ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अग्नि-पुराण भाग २ पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

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पुस्तक का साइज : 8.58 MB
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इस उक्त प्रकार की प्रसूति की विकृति के होने पर जप और विप्न प्रादि का पूजन करना चाहिए जो जो इस तरह के अयुक्त प्रसवादि हो और जिन्हे युक्त नहीं कहते है उनका शमन विप्रादि पूजन और जप से होता है । आकाश में सूर्य व रा का शब्द होना भी महान भय का होना बताता है । जिस ममय में जगले के रहने वाले मृग और पक्षीगण ग्राम में प्रवेश करते हैं अथवा ग्राम के रहने वाले पशु पक्षी गण जङ्गल में प्रवेश किया करते हैं। तथा स्थल भाग के रहने वाले जल में प्रवेश करते हैं या जले में वास करने वाले जीव स्थल से निकल कर आ जाते हैं तथा राजद्व आदि स्थानो पर गीदडे अदि मा जाया करते हैं।

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