अंतर की आवाज़ : मुनि ज्ञान हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Antar ki Awaz : Muni Gyan Hindi Book Free Download

अंतर की आवाज़ : मुनि ज्ञान हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Antar ki Awaz : Muni Gyan Hindi Book Free Download

अंतर की आवाज़ : मुनि ज्ञान हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Antar ki Awaz : Muni Gyan Hindi Book Free Download के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : अंतर की आवाज़ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Muni Gyan | Muni Gyan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2.04 MB है | पुस्तक में कुल 138 पृष्ठ हैं |नीचे अंतर की आवाज़ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अंतर की आवाज़ पुस्तक की श्रेणियां हैं : Uncategorized, others

Name of the Book is : Antar ki Awaz | This Book is written by Muni Gyan | To Read and Download More Books written by Muni Gyan in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2.04 MB | This Book has 138 Pages | The Download link of the book "Antar ki Awaz" is given above, you can downlaod Antar ki Awaz from the above link for free | Antar ki Awaz is posted under following categories Uncategorized, others |

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पुस्तक का साइज : 2.04 MB
कुल पृष्ठ : 138

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अर्ध सहयोगी परिचय विदर्दर्य श्री ज्ञानमुनि जी मसा की प्रस्तुत कृति अन्तर की . आवाज का प्रकाशन श्रीमान प्यारेलाल जी प्रेमराज जी भडारी अलीबाग जि रायगढ (महाराष्ट्र) के अर्थ सौजन्य से हो रहा है जो मूलत सोजत सिटी (राजस्थान) के निवासी है। श्री प्यारेलालजी की मातु श्री स्व श्रीमती उमरावबाई की गुरुदेव आचार्य श्री नानेश के प्रति अटूट श्रद्धा अप्रतिम समर्पणा व अनन्य आस्था थी। आप आचार्य देव के चातुर्मास काल मे नियमित चौका लगाकर सन्त-सती दर्शन प्रवचन श्रवण धर्माराधना एव ज्ञानाराधना से लाभान्वित होती थी। ऐसी शासन समर्पित सुश्राविका के सस्कार विरासत मे प्राप्त कर श्री भण्डारी जी इन्हे निरन्तर अभिवृद्ध कर रहे है। किराणा के होलसेल व्यापार मे आपने प्रामाणिकता व राष्ट्रीय भावना द्वारा अपनी पृथक्‌ पहचान बनाई है। श्रीमान प्यारेलालजी भण्डारी अनन्य गुरुमक्त मूक समाज सेवी आदर्श धर्मप्रेमी एव बेजोड सघ/शासन समर्पित है। सामाजिक /धार्मिक / व्यावसायिक/सास्कृतिक/नैतिक क्षेत्रो मे विविध पदो पर रहकर आपने विशिष्ट सेवाएं की है और कर रहे है। श्री अ भा साधुमार्गी जैन संघ के उपाध्यक्ष रूप में आपने सघ चेतना सगठन सुदृढता विविध प्रवृत्तियो की सदस्य वृद्धि एव सत-सती विहार परिचर्या व्यवस्था क्षेत्रो में अभूतपूर्व श्लाघनीय व अनुकरणीय कार्य किये है। सम्प्रति आप श्री साधुमार्गी जैन सघ मुम्बई के उपाध्यक्ष अलीबाग किराणा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा शासन द्वारा नियुक्त भ्रष्टाचार निर्मूलन समिति अलीबाग के अध्यक्ष है| आप विगत तीन वर्षों से स्वाध्यायी सेवाए दे रहे है जो स्तुत्य है। आपके चौविहार व शीलब्रत के प्रत्याख्यान है । आपकी देव गुरु धर्म के प्रति पूर्ण आस्था है। आपको भक्तामर पुच्छिसुण आदि कठस्थ है और आप अनवरत स्वाध्याय द्वारा शास्त्रो का ज्ञान अर्जित कर रहे है। आपने अतगडदशाग सूत्र के प्रकाशनार्थ दो बार अर्थ सहयोग प्रदान किया है। परन्तु लौकेषणा पदलिप्सा एव प्रदर्शन से आप दूर रहते है। आपके पुत्र-द्रय व आत्मजा-द्वय सस्कारवान है और इन्होने आपके आदर्शों को आत्मसात किया है। ऐसे सघनिष्ठ भडारी परिवार के प्रति आभार। उदय नागोरी सदस्य साहित्य प्रकाशन समिति (5)

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