आरती और अंगारे | Arati Aur Angare

आरती और अंगारे | Arati Aur Angare

आरती और अंगारे | Arati Aur Angare के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : आरती और अंगारे है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Harivansh Ray Bachchan | Harivansh Ray Bachchan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 8 MB है | पुस्तक में कुल 236 पृष्ठ हैं |नीचे आरती और अंगारे का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आरती और अंगारे पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry

Name of the Book is : Arati Aur Angare | This Book is written by Harivansh Ray Bachchan | To Read and Download More Books written by Harivansh Ray Bachchan in Hindi, Please Click : | The size of this book is 8 MB | This Book has 236 Pages | The Download link of the book "Arati Aur Angare" is given above, you can downlaod Arati Aur Angare from the above link for free | Arati Aur Angare is posted under following categories Poetry |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 8 MB
कुल पृष्ठ : 236

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अंग्रेजी के प्रसिद्ध कवि व सवर्य ने कहा था कि प्रत्येक मावि को वह विशेष अभि चि उत्पन्न करनी होती है जिससे उसकी कविता का आनंद लिया जा सके। कहने का तात्पर्य यह है कि उसे अपने पाठको और श्रोताओं का एक वर्ग तैयार करना पड़ता है। वह विशेष गभिरुचि उत्पन्न करने के लिए कवि अपनी कविता के अतिरिवन किन और उपकरणों का उपयोग कर सकता है, इसपर मैं अपना दिमाग दौडा सका हैं। उदाहरणार्थ, वह अपनी भूमिका अथवा लेखो के द्वारा यह बता सकता है कि उसकी रचना उसके पूर्ववतियो अथवा समकालीनो से किन अर्थों में भिन्न है, उसने गौन-से बिषय अपनाए है, कौन छोड़े है, किस प्रकार की भाषा का उपयोग किया है |

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