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अरी में तो राम के रंग छकी | Ari Main To Ram Ke Rang Chaki

अरी में तो राम के रंग छकी | Ari Main To Ram Ke Rang Chaki

अरी में तो राम के रंग छकी | Ari Main To Ram Ke Rang Chaki के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : अरी में तो राम के रंग छकी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : osho | osho की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.84 MB है | पुस्तक में कुल 321 पृष्ठ हैं |नीचे अरी में तो राम के रंग छकी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अरी में तो राम के रंग छकी पुस्तक की श्रेणियां हैं : inspirational, Spirituality -Adhyatm

Name of the Book is : Ari Main To Ram Ke Rang Chaki | This Book is written by osho | To Read and Download More Books written by osho in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1.84 MB | This Book has 321 Pages | The Download link of the book "Ari Main To Ram Ke Rang Chaki" is given above, you can downlaod Ari Main To Ram Ke Rang Chaki from the above link for free | Ari Main To Ram Ke Rang Chaki is posted under following categories inspirational, Spirituality -Adhyatm |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 1.84 MB
कुल पृष्ठ : 321

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सिर है ही कहां झुकाओ तो पता चलता है कि है ही नहीं। न झुकाओ तो पता चलता है कि है। अहंकार छोड़ना थोड़े ही पड़ता है। हो तो छोड़ो जब आंख खुलती है तो पता चलता है कि है ही नहीं रात तुमने स्वप्न देखा कि तुम सम्राट हो, बड़ा साम्राज्य है, महल हैं स्वर्ण के, अप्सराओं जैसी तुम्हारी रानियां हैं। देवताओं जैसे सुंदर तुम्हारे पुत्र हैं। और फिर सुबह आंख खुली, फिर क्या रात के सपने को छोड़ना पड़ता है हंसी आती है। इस धोखे में पड़ सके, इस पर भरोसा नहीं आता छोड़ना क्या है जब तक जागे नहीं, तब तक सपना है।

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