आजादी के रोड़े | Azadi Ke Rode

आजादी के रोड़े | Azadi Ke Rode

आजादी के रोड़े | Azadi Ke Rode के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : आजादी के रोड़े है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Hazari Prasad Dwivedi | Acharya Hazari Prasad Dwivedi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 6 MB है | पुस्तक में कुल 190 पृष्ठ हैं |नीचे आजादी के रोड़े का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आजादी के रोड़े पुस्तक की श्रेणियां हैं : Social

Name of the Book is : Azadi Ke Rode | This Book is written by Acharya Hazari Prasad Dwivedi | To Read and Download More Books written by Acharya Hazari Prasad Dwivedi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 6 MB | This Book has 190 Pages | The Download link of the book " Azadi Ke Rode " is given above, you can downlaod Azadi Ke Rode from the above link for free | Azadi Ke Rode is posted under following categories Social |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 6 MB
कुल पृष्ठ : 190

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

हिन्दुओं और मुसलमानोंको लड़ानेवाले अधिकतर धनिकवर्ग और मध्यवर्गके लोग ही हैं। अगर इन वर्गोंके नीचे उतरके देखा जाय उन किसानों और मजदूरोंकी ओर, जहां रोटियोंकी हाय-हाय मची रहती है, जिन्हें रोज कुआं खोदकर पानी निकालना पडता है तो वहां हमें साम्प्रदायिक कलहके जहरीले बीज देखनेको नहीं मिलते। किसान और मजदूर, चाहे हिन्दू हो अथवा मुसलमान, उसकी समस्याए और कठिनाइयां एक-सी हैं। उसके ऊपर कर्जका बोझ है, चाहे वह काबुलीका कर्ज हो या किसी सेठका। इनकी समस्याएं साम्प्रदायिकतासे कोसों दूर-सर्वथा आर्थिक हैं। ऊपरके वकी समस्याए भी आर्थिक और राजनीतिक ही हैं लेकिन उनकी सिद्धिके लिये साम्प्रदायिकताका आवरण डाला जाता है।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *