बहुरी न ऐसा दाव | Bahuri Na Aisa Dav

बहुरी न ऐसा दाव | Bahuri Na Aisa Dav

बहुरी न ऐसा दाव | Bahuri Na Aisa Dav के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : बहुरी न ऐसा दाव है | इस पुस्तक के लेखक हैं : osho | osho की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1724 KB है | पुस्तक में कुल 233 पृष्ठ हैं |नीचे बहुरी न ऐसा दाव का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | बहुरी न ऐसा दाव पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm

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पुस्तक का साइज : 1724 KB
कुल पृष्ठ : 233

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जीवन ही खतरनाक है। मृत्यु सुविधापूर्ण हैं। मृत्यु ज्यादा और आरामदायक कुछ भी नहीं। इसलिए लोग मृत्यु को वरण करते हैं, जीवन का निषेध लोग ऐसे जीते हैं, जिसमें कम से कम जीना पड़े, न्यूनतम--क्योंकि जितने कम जीएंगे उतना कम खतरा है; जितने ज्यादा जीएंगे उतना ज्यादा खतरा है। जितनी त्वरा होगी जीवन में उतनी ही आग होगी, उतनी ही तलवार में धार जीवन को गहनता से जीना, समग्रता से जीना पहाड़ों की ऊंचाइयों पर चलना है।

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