अथातो भक्ति जिज्ञासा भाग-2 | Athato Bhakti Jigyasa vol-2

अथातो भक्ति जिज्ञासा भाग-2 | Athato Bhakti Jigyasa vol-2

अथातो भक्ति जिज्ञासा भाग-2 | Athato Bhakti Jigyasa vol-2 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : अथातो भक्ति जिज्ञासा भाग-2 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : osho | osho की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 03.0 MB है | पुस्तक में कुल 398 पृष्ठ हैं |नीचे अथातो भक्ति जिज्ञासा भाग-2 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अथातो भक्ति जिज्ञासा भाग-2 पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm

Name of the Book is : Athato Bhakti Jigyasa vol-2 | This Book is written by osho | To Read and Download More Books written by osho in Hindi, Please Click : | The size of this book is 03.0 MB | This Book has 398 Pages | The Download link of the book "Athato Bhakti Jigyasa vol-2" is given above, you can downlaod Athato Bhakti Jigyasa vol-2 from the above link for free | Athato Bhakti Jigyasa vol-2 is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |


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पुस्तक का साइज : 03.0 MB
कुल पृष्ठ : 398

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देह के ऐसे सबंध हैं, जिनसे मुक्त होना है। और देह के ऐसे सबंध हैं, जिनमें और गहरे जाना है। प्रेम ऐसा ही सबंध है। प्रेम में गहराई बढ़ना चाहिए। घृणा में गहराई घटनी चाहिए। घृणा से तुम मुक्त हो सको, तो सैभाग्य लेकिन अगर प्रेम से मुक्त हो गए तो दुर्भाग्य और मजा यह है कि अगर तुम्हें घृणा से मुक्त होना हो तो सरल रास्ता यह है कि प्रेम से भी मुक्त हो जाओ और तुम्हारे अब तक के साधु-संन्यासियों ने सरल रास्ता पकड़ लिया न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी लेकिन बांस और बांसुरी में बड़ा फर्क है। बांसुरी बजनी चाहिए। बांस से बांसुरी बनती है, लेकिन बांसुरी बड़ा रूपांतरण है।

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