भारत में अंग्रेजी की समस्या | Bharat Mein Angrezi Ki Samasya

भारत में अंग्रेजी की समस्या: आर० के० अग्निहोत्री | Bharat Mein Angrezi Ki Samasya : R. K. AGNIHOTRI

भारत में अंग्रेजी की समस्या: आर० के० अग्निहोत्री | Bharat Mein Angrezi Ki Samasya : R. K. AGNIHOTRI के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : भारत में अंग्रेजी की समस्या है | इस पुस्तक के लेखक हैं : R. K. AGNIHOTRI | R. K. AGNIHOTRI की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 480.3 KB है | पुस्तक में कुल 171 पृष्ठ हैं |नीचे भारत में अंग्रेजी की समस्या का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारत में अंग्रेजी की समस्या पुस्तक की श्रेणियां हैं : education, history, india, Knowledge

Name of the Book is : Bharat Mein Angrezi Ki Samasya | This Book is written by R. K. AGNIHOTRI | To Read and Download More Books written by R. K. AGNIHOTRI in Hindi, Please Click : | The size of this book is 480.3 KB | This Book has 171 Pages | The Download link of the book "Bharat Mein Angrezi Ki Samasya" is given above, you can downlaod Bharat Mein Angrezi Ki Samasya from the above link for free | Bharat Mein Angrezi Ki Samasya is posted under following categories education, history, india, Knowledge |


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अंग्रेजी के रूप में हमारे पास एक महत्वपूर्ण व शक्तिशाली सम्पत्ति है। औपनिवेशीकरण व शोषण से इसके सम्बन्ध के बावजूद यह भारतीय राण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसमें सकारात्मक रवैयों व « छवियों की प्रेरणा व अंग्रेजी में उच्च प्रवीणता प्राप्त करने की सशक्त अभिप्रेरणा सम्मिलित हैं। 70 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाता अंग्रेजी को भारतीय भाषा मानते हैं तथा इसे उवा शिरा व वैज्ञानिक तथा व विकास के लिए छपरा य त है। दुसरी ओर, कई लोग स। साथ इस ए। । । दुखद मानते हैं। जब भी मामा को पुन: परिभाषित किया जाएगा, तो उमीद की जानी धाहिए कि ॥4॥ भाषाएँ सत्ता का हशा जी से छीन लेगी सभा अँजी एक बहुभाषी र बहुसांस्कृति। लोकायार में नई भूमिका तलाश करेगी। अंग्रेजी भाषा की अनुपूरका की बात करते हुए प्रपर डी.पी. पटनायक ने कहाः

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