भारतीय हिन्दू मानव और उसकी भावुकता | Bhartiya Hindu Manav Aur Uski Bhavukta के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भारतीय हिन्दू मानव और उसकी भावुकता है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Motilal Sharma | Motilal Sharma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Motilal Sharma | इस पुस्तक का कुल साइज 10.0 MB है | पुस्तक में कुल 100 पृष्ठ हैं |नीचे भारतीय हिन्दू मानव और उसकी भावुकता का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारतीय हिन्दू मानव और उसकी भावुकता पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, Knowledge, science
Name of the Book is : Bhartiya Hindu Manav Aur Uski Bhavukta | This Book is written by Motilal Sharma | To Read and Download More Books written by Motilal Sharma in Hindi, Please Click : Motilal Sharma | The size of this book is 10.0 MB | This Book has 100 Pages | The Download link of the book "Bhartiya Hindu Manav Aur Uski Bhavukta" is given above, you can downlaod Bhartiya Hindu Manav Aur Uski Bhavukta from the above link for free | Bhartiya Hindu Manav Aur Uski Bhavukta is posted under following categories history, Knowledge, science |
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पाण्डवों में जहां सब गुण ही गुण हैं, वहां उन में संब से बड़ा एक ऐमा दोष है, जिस के कारण उन के सब गुण दोषरूप में परिणत होरहे हैं । फलतः इस महादोष से सर्वगुणसम्पन्न भी पाण्डव सर्वदोषसम्पन्न बनते हुए दुखी हैं। उधर कौरवों में जहां सब दोष ही दोष हैं, वहां उन में सब से बड़ा एक ऐसा गुण है, जिसके कारण उनके सब दोष गुणरूप में परिणत हो रहे हैं। फलतः इस महा गुण से सर्वदोषसम्पन्न भी कौरव सर्वगुणसम्पन्न बनते हुए सुखी है । अर्जुन ! तु प्रश्न करेगा कि, वह ऐसा कौनसा दोष है, जिसने पाण्डवों की गुणविभूति को आवृत कर उन्हें दुःखी बना दिया है, एवं वह ऐसा कौनसा गुण है, जिसने कौरवों ' को दोषराशि को आवृत कर उन्हें सुखी बना दिया ?.! उत्तर थोड़ा अटपटासा है