भावना विवेक | Bhavna Vivek के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भावना विवेक है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Chainsukhdas Ji | Chainsukhdas Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Chainsukhdas Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 6 MB है | पुस्तक में कुल 293 पृष्ठ हैं |नीचे भावना विवेक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भावना विवेक पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Granth
Name of the Book is : Bhavna Vivek | This Book is written by Chainsukhdas Ji | To Read and Download More Books written by Chainsukhdas Ji in Hindi, Please Click : Chainsukhdas Ji | The size of this book is 6 MB | This Book has 293 Pages | The Download link of the book "Bhavna Vivek" is given above, you can downlaod Bhavna Vivek from the above link for free | Bhavna Vivek is posted under following categories dharm, Granth |
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‘भावना-विवेक' में षोडशकारण भावनाओं का वर्णन है। इन भावनाओं का जैनधर्म में जो महत्व है, उससे प्रत्येक जैनबन्धु अच्छी तरह परिचित है। भाद्रपद मास मे कोई इन भावनाओं का पूजन करते हैं, कोई बर्णन सुनते हैं और कोई व्याख्यान करते हैं। इनके इतने महत्व का कारण यह है कि ये मनुष्य को तीर्थकर बना सकती हैं। इनके बिना कभी कोई तीर्थनहीं हो सकता। इन भावनाओं में सारे जैनवाङमय का सार गया है । ये रत्नत्रय के विस्तार स्वरूप हैं।