लोकलाज | Loklaj

लोकलाज | Loklaj

लोकलाज | Loklaj के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : लोकलाज है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Jay Prakash | Jay Prakash की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 4 MB है | पुस्तक में कुल 180 पृष्ठ हैं |नीचे लोकलाज का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | लोकलाज पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Loklaj | This Book is written by Jay Prakash | To Read and Download More Books written by Jay Prakash in Hindi, Please Click : | The size of this book is 4 MB | This Book has 180 Pages | The Download link of the book "Loklaj" is given above, you can downlaod Loklaj from the above link for free | Loklaj is posted under following categories Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 4 MB
कुल पृष्ठ : 180

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जय प्रकाश ने जब से लिखना आरम्भ किया तब से उनकी कोई कहानी, लेख या उपन्यास ऐसा नहीं रहा जो मैंने न पड़ा हो, सब से पहली कहानी थी एक गरीब बच्चे की और अब जो उपन्यास सामने है लोक लाज' वह भी उसी धणी का हैं, पर है सामाजिक, मैं तो सोच भी नहीं पाता कि भाई जय प्रकाश किस तरहू इतनी अधिक और इतना अच्छा लिख पाते हैं । बयोंकि उनका जीबन जैसा रहा है वह कि पी उपन्यास के नायके से कम नहीं हैं । जो आदमी सोलह से बीस घन्टे तक काम करता हो और फिर लिखता भी हो तो यह आश्चर्य नहीं तो प्रौर क्या है ।

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