भीखा साहब की बानी और जीवन चरित्र | Bhikha Sahab Ki Bani Or Jivan Charitra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भीखा साहब की बानी और जीवन चरित्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 29.9 MB है | पुस्तक में कुल 84 पृष्ठ हैं |नीचे भीखा साहब की बानी और जीवन चरित्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भीखा साहब की बानी और जीवन चरित्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : Biography
Name of the Book is : Bhikha Sahab Ki Bani Or Jivan Charitra | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 29.9 MB | This Book has 84 Pages | The Download link of the book "Bhikha Sahab Ki Bani Or Jivan Charitra " is given above, you can downlaod Bhikha Sahab Ki Bani Or Jivan Charitra from the above link for free | Bhikha Sahab Ki Bani Or Jivan Charitra is posted under following categories Biography |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
भीखा साहब जिनका घरऊ नाम भीखानन्द था जाति के ब्राह्मन चौबे थे । जिला आजमगढ़ के खानपुर बोहुना नाम के गाँव में उन्होंने जन्म लिया जिसे दो सौ बरस के करीब हुए। बाल अवस्था ही से उनको परमार्थ और साध संग का इतना उत्साह था कि बार बरस की उम्र में घर बार त्याग कर पूरे गुरू और सच्चे मत की खोज में काशी को गये परे वहाँ कुछ न पाकर लौटे। रास्ते में पता लगा कि गाजीपुर जिले के भुरकुड़ा गाँव में एक शब्द अभ्यासी महात्मा गुलाल साहब दर्शन के योग्य हैं। फिर तो यह वहाँ को दौड़े और उनसे उपदेश लिया। इस हाल को भीखा साहब ने अपने एक शब्द में लिखा है-देखो पहिला शब्द पृष्ठ ११-१२ में ।