बिना औषधि के कायाकल्प हिंदी पुस्तक मुफ्त पीडीऍफ़ डाउनलोड | Bina Aushadhi Ke Kayakalp Hindi Book Free PDF Download

बिना औषधि के कायाकल्प : पं० श्रीराम शर्मा आचार्य | Bina Aushadhi Ke Kayakalp : Pt. Shreeram Sharma Acharya

बिना औषधि के कायाकल्प : पं० श्रीराम शर्मा आचार्य | Bina Aushadhi Ke Kayakalp :  Pt. Shreeram Sharma Acharya

बिना औषधि के कायाकल्प : पं० श्रीराम शर्मा आचार्य | Bina Aushadhi Ke Kayakalp : Pt. Shreeram Sharma Acharya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : बिना औषधि के कायाकल्प है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Pt. Shreeram Sharma Acharya | Pt. Shreeram Sharma Acharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2.1 MB है | पुस्तक में कुल 48 पृष्ठ हैं |नीचे बिना औषधि के कायाकल्प का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | बिना औषधि के कायाकल्प पुस्तक की श्रेणियां हैं : ayurveda, health

Name of the Book is : Bina Aushadhi Ke Kayakalp | This Book is written by Pt. Shreeram Sharma Acharya | To Read and Download More Books written by Pt. Shreeram Sharma Acharya in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2.1 MB | This Book has 48 Pages | The Download link of the book "Bina Aushadhi Ke Kayakalp" is given above, you can downlaod Bina Aushadhi Ke Kayakalp from the above link for free | Bina Aushadhi Ke Kayakalp is posted under following categories ayurveda, health |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 2.1 MB
कुल पृष्ठ : 48

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एक घट नित्य हैसना, एक गिलास दूध या एक टाक घी से अधिक बलवर्धक है। खुश रहने वाला, मुस्कराता हुने
वाला, प्रसन्न चित्त, हँसकर बोलने वाला, चेहरे पर उल्लास और आशा की किरणें धारण किये रहने वाला मनुष्य
सदा स्वस्थ रहता है। एक शरीर शास्त्री कहता है कि "प्रसन्नता और स्वस्थता का आपस में बड़ा घना संबंध है, पर
मैं यह नहीं जानता कि लोग स्वास्थ्य के कारण प्रसन्न रहते हैं या प्रसन्नता के कारण स्वस्थ रहते हैं।" निस्संदेह
प्रसन्नता का स्वास्थ्य के ऊपर बड़ा ही अच्छा असर पड़ता है। फ्रांस की एक कहावत है कि हँसो और मोटे बनो"। जो
हँसता है। उसकी तंदुरुस सदा कायम रहती है। इसके विपरीत कुढ़ने वाले, ईष्र्यालु, हाह करने वाले मन ही मन
नाराज रहने वाले, अपने दुर्भाग्य और दुख का रोना रोने वाले, दूसरों पर दोषारोपण करने

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