दैवी-संपद | Daivi Sampad

दैवी-संपद | Daivi Sampad

दैवी-संपद | Daivi Sampad के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : दैवी-संपद है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Ramgopal Mohta | Shri Ramgopal Mohta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 6.7 MB है | पुस्तक में कुल 228 पृष्ठ हैं |नीचे दैवी-संपद का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दैवी-संपद पुस्तक की श्रेणियां हैं : society

Name of the Book is : Daivi Sampad | This Book is written by Shri Ramgopal Mohta | To Read and Download More Books written by Shri Ramgopal Mohta in Hindi, Please Click : | The size of this book is 6.7 MB | This Book has 228 Pages | The Download link of the book "Daivi Sampad" is given above, you can downlaod Daivi Sampad from the above link for free | Daivi Sampad is posted under following categories society |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 6.7 MB
कुल पृष्ठ : 228

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

प्रस्तुत पुस्तक के लेखक श्री रामगोपाल मोहताजस्थान के एक प्रसिद्ध विद्वान् विचारक तथा समाज सुधारक हैं । आपक आध्यात्मिक विषयों में सराहनीय प्रवेश है देवीसम्पद्विमोक्षाय निबन्धायासुरी मता” गीता के इस प्रसिद्ध श्लोक को विवेचन । का आधार मान कर अपने भगवद्गीता के व्यवहार-दर्शन की व्याख्या की है । इसका प्रथम संस्करण 'चाँद' कार्यालय से प्रकाशित हुआ था। इसकी अच्छी माँग होने से यह दूसरी बार छपकर तैयार है ।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *