सर्व हितकारी | Sarv Hitakari

सर्व हितकारी | Sarv Hitakari

सर्व हितकारी | Sarv Hitakari के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : सर्व हितकारी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vedvrat Shastri | Vedvrat Shastri की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 26.6 MB है | पुस्तक में कुल 262 पृष्ठ हैं |नीचे सर्व हितकारी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सर्व हितकारी पुस्तक की श्रेणियां हैं : society

Name of the Book is : Sarv Hitakari | This Book is written by Vedvrat Shastri | To Read and Download More Books written by Vedvrat Shastri in Hindi, Please Click : | The size of this book is 26.6 MB | This Book has 262 Pages | The Download link of the book " Sarv Hitakari " is given above, you can downlaod Sarv Hitakari from the above link for free | Sarv Hitakari is posted under following categories society |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 26.6 MB
कुल पृष्ठ : 262

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नरवाना के सब छोटे-बड़े आर्यसमाजी शोभायात्रा के रूप में जयकारे लगाते हुए स्टेशन पर महाराज का भोजन पहुचाने व दर्शन करने चल पड़े । आगे-आगे महात्मा आनन्द भिक्षु जी व प० निरंजनवेव पी ले। गठी कुकी तो स्वामी जी आय को देखकर नीचे उतर आये। अभिवादन को उत्तर दिया। आर्यों ने कहा कि यषि हर्ज न हो तो रात्रि आप रुक जं। एक व्याख्यान हो जावेगा। स्वामी जी ने कहा कि टिकट ले रखा है। सबने कहा कि टिकट की चिंता मत करें। तब स्वामी जी ने कहा-''अच्छा रोहतक रात्रि तो कोई प्रोग्राम नहीं, बपि केवल एक तार चौधरी माइसिंह जी को करदें।”

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