दर्शन विज्ञान | Darshan Vigyan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : दर्शन विज्ञान है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Krishna Kumar Singh | Shri Krishna Kumar Singh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Krishna Kumar Singh | इस पुस्तक का कुल साइज 22.0 MB है | पुस्तक में कुल 158 पृष्ठ हैं |नीचे दर्शन विज्ञान का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दर्शन विज्ञान पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, history
Name of the Book is : Darshan Vigyan | This Book is written by Shri Krishna Kumar Singh | To Read and Download More Books written by Shri Krishna Kumar Singh in Hindi, Please Click : Shri Krishna Kumar Singh | The size of this book is 22.0 MB | This Book has 158 Pages | The Download link of the book "Darshan Vigyan " is given above, you can downlaod Darshan Vigyan from the above link for free | Darshan Vigyan is posted under following categories Knowledge, history |
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ब्रह्म की उसी तपस्या के परिणामस्वरूप सत्य और ऋत उद्भूत हुए हैं। ऋत सम्पूर्ण सृष्टि पर शासन करनेवाला विशाल नियम है। विश्व के प्रत्येक पदार्थ तथा उसकी क्रिया को ऋत के अधीन रखने के लिए विवश करनेवाली शक्ति का नाम सत्य है। ब्रह्माण्ड की प्रत्येक गतिविधि उसी ऋत और सत्य से प्रेरित एवं नियन्त्रित है। वैदिक विधान के अनुसार ऋत और सत्य का नियम अपरिवर्तनीय तथा अनुल्लंघनीय है। ऋत के नियमों में एकता एवं समता है। ऋग्वेद यह उद्घोषित कर कहता है कि ऋत के परिज्ञान से ब्रह्म का साक्षात्कार हो सकता है।