देख कबीरा रोया | Dekh Kabira Roya

देख कबीरा रोया | Dekh Kabira Roya

देख कबीरा रोया | Dekh Kabira Roya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : देख कबीरा रोया है | इस पुस्तक के लेखक हैं : osho | osho की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 903 KB है | पुस्तक में कुल 114 पृष्ठ हैं |नीचे देख कबीरा रोया का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | देख कबीरा रोया पुस्तक की श्रेणियां हैं : inspirational, Spirituality -Adhyatm

Name of the Book is : Dekh Kabira Roya | This Book is written by osho | To Read and Download More Books written by osho in Hindi, Please Click : | The size of this book is 903 KB | This Book has 114 Pages | The Download link of the book " Dekh Kabira Roya" is given above, you can downlaod Dekh Kabira Roya from the above link for free | Dekh Kabira Roya is posted under following categories inspirational, Spirituality -Adhyatm |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 903 KB
कुल पृष्ठ : 114

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आज से करीब बीस वर्ष पहले जब यह संन्यासी योद्धा अधर्म और असत्य के विरुद्ध युद्ध के मैदान में उतरा तो न्यस्त स्वार्थों के खेमों में हड़कंप मच गया। पंडितों पुरोहितों की घिग्घियां बंध गइ। मूढ़ राजनीतिज्ञों के पांवों के नीचे से जमीन खिसकने लगी। उन्होंने पहला वार गांधीवाद पर किया-‘में कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं लेकिन आंखें रहते देश को राज अंधकार में जाते हुए देखना भी असंभव है। धार्मिक आदमी को उतनी कठोरता और जड़ता मैं नहीं जुटा पाता हूँ। देश रोज-रोज, प्रतिदिन नीचे उतर रहा है। उसकी सारी नैतिकता खो रही है, उसके जीवन में जो भी श्रेष्ठ है, जो भी सुंदर है, जो भी सत्य है, वह सभी कलुषित हुआ जा रहा है।

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