धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र | Dharam Kshetra

धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र | Dharam Kshetra

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धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र | Dharam Kshetra के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 05.7 MB है | पुस्तक में कुल 132 पृष्ठ हैं |नीचे धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, history, Knowledge

Name of the Book is : Dharam Kshetra | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 05.7 MB | This Book has 132 Pages | The Download link of the book "Dharam Kshetra" is given above, you can downlaod Dharam Kshetra from the above link for free | Dharam Kshetra is posted under following categories dharm, history, Knowledge |

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पुस्तक का साइज : 05.7 MB
कुल पृष्ठ : 132

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श्रीमदभगवदगीता के प्रथम श्लोक में सर्वप्रथम लिखे दो शब्द'धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र स्वयमेव पूर्ण हैं एवं समस्त गीता का दिव्य सन्देश संजोए हुए हैं। वह दिव्य संदेश है क्षेत्रे क्षेत्रे धर्म कुरु' अर्थात आप जहाँ भी हों, जिस स्थिति में हों धर्म को अपनाएँ। धर्म का तात्पर्य हिन्दु सिख, ईस्लाम, जैन या पारसी धर्मानुयायी होना नहीं अपितु धर्म कार्य करना है अपना कर्तव्य निभाना है जिस का विस्तृत क्षेत्र है

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