धर्मशास्त्र अर्थात पुराना और नया धर्म नियम | Dharmshastra Arthat Purana Aur Naya Dharm Niyam के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : धर्मशास्त्र अर्थात पुराना और नया धर्म नियम है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 89.68 MB है | पुस्तक में कुल 1726 पृष्ठ हैं |नीचे धर्मशास्त्र अर्थात पुराना और नया धर्म नियम का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | धर्मशास्त्र अर्थात पुराना और नया धर्म नियम पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Dharmshastra Arthat Purana Aur Naya Dharm Niyam | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 89.68 MB | This Book has 1726 Pages | The Download link of the book "Dharmshastra Arthat Purana Aur Naya Dharm Niyam" is given above, you can downlaod Dharmshastra Arthat Purana Aur Naya Dharm Niyam from the above link for free | Dharmshastra Arthat Purana Aur Naya Dharm Niyam is posted under following categories dharm |
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पास गया तब उस ने गर्भवती होकर कैन को जन्म दिया और कहा, मैं ने पहोवा की सहायता से एक पुरुष पाया है। २ फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी, और हाबिल तो भेड़ बकरियो का चरवाहा बन गया, परन्तु कैन भूमि की खेती करने वाला किसान बना। ३ कुछ दिनों के पश्चात् कैन यहोवा के पास भूमि की उपज में से कुछ भेट ने आया। और हाबिल भी अपनी भेड़-बकग्यिो के कई एक पहिलोठे बच्चे भेट चढ़ाने से आया और उनकी चर्बी भेंट चढ़ाई, तब यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया, परन्तु कैन और उसको भेट को उस ने अहण न किया। तब कैन अति क्रोधित हुआ, और उसके मुह पर उदासी छा गई।