गंगा मैया | Ganga Mayya

गंगा मैया | Ganga Mayya

गंगा मैया | Ganga Mayya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : गंगा मैया है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Bhairav Prasad Gupta | Bhairav Prasad Gupta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 3.5 MB है | पुस्तक में कुल 160 पृष्ठ हैं |नीचे गंगा मैया का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गंगा मैया पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Ganga Mayya | This Book is written by Bhairav Prasad Gupta | To Read and Download More Books written by Bhairav Prasad Gupta in Hindi, Please Click : | The size of this book is 3.5 MB | This Book has 160 Pages | The Download link of the book "Ganga Mayya" is given above, you can downlaod Ganga Mayya from the above link for free | Ganga Mayya is posted under following categories Knowledge, Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 3.5 MB
कुल पृष्ठ : 160

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उस दिन सुबह गोपीचन्द की विधवा भाभी घर से लापता हो गई, तो टौले-मुहल्ले के लोगों ने मिलकर यही ते किया कि यह बात अपनों में ही दवा दी जाए; किसी को कानो-कान खबर न हो । उन लोगों ने ऐसा किया भी, लेकिन जाने से क्या हुआ कि गोपीचन्द के दरवाजे पर हलके को दारोगा एक पुलिस और चौकीदार के साथ नमुने फुलाये, अत्रिों में रोप-भरे आ धमका। उस वक्त उन लोगों की हालत कुछ वैसी ही हो गई, जैसी एक चोर की सैंप पर ही पकड़े जाने पर होती है।

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