गर्जन | Garjan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : गर्जन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 4.6 MB है | पुस्तक में कुल 166 पृष्ठ हैं |नीचे गर्जन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गर्जन पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Garjan | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 4.6 MB | This Book has 166 Pages | The Download link of the book "Garjan " is given above, you can downlaod Garjan from the above link for free | Garjan is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
कलिंगपत्तन से सुदूर उत्तर में पुरी के निकटस्थ तटवर्ती वन में पूर्व महोदधि से सटा शूलपाणि का आश्रय था । शूलपाणि कलिंगपत्तन से गंगासागर तक के विशाल समुद्र का स्वामी था। उनके नाम से यवन वणि काँपते; उसकी भयंकरता का यवनियों स्वप्न देतीं जब कभी उसके आक्रमण की आशंका होती, यवनपोत कागपत्तन में लंगर डाल मासों पड़े रहते, परन्तु कभी कभी अमावस्या की रात्रि में यहाँ भी उनकी रक्षा कठिनता से हो सकती।