गायत्री की युगांतरीय चेतना | Gayatri Ki Yugantariy Chetana

गायत्री की युगांतरीय चेतना | Gayatri Ki Yugantariy Chetana

गायत्री की युगांतरीय चेतना | Gayatri Ki Yugantariy Chetana के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : गायत्री की युगांतरीय चेतना है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Ramsharma Acharya | Shri Ramsharma Acharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2.2 MB है | पुस्तक में कुल 49 पृष्ठ हैं |नीचे गायत्री की युगांतरीय चेतना का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गायत्री की युगांतरीय चेतना पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm

Name of the Book is : Gayatri Ki Yugantariy Chetana | This Book is written by Shri Ramsharma Acharya | To Read and Download More Books written by Shri Ramsharma Acharya in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2.2 MB | This Book has 49 Pages | The Download link of the book " Gayatri Ki Yugantariy Chetana" is given above, you can downlaod Gayatri Ki Yugantariy Chetana from the above link for free | Gayatri Ki Yugantariy Chetana is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |


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पुस्तक का साइज : 2.2 MB
कुल पृष्ठ : 49

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सृष्टा का अपनी बहुमुल्य कलाकृति इस विश्व वसुधा से असाधारण | लगाव है, इसलिए तो जब कभी लोक चेतना पर प्रष्टता की काली घटायें छाई हैं तभी उन्हें हटाने के लिए, सन्तुलन बनाने के लिए भगवान के अवतार होते रहे हैं । 'यदादाहि धर्मस्य---' का आश्वासन भूतकाल में उचित अवसर पर पूरा किया जाता रहा है। इन दिनों भी उसी की पुनरावृत्ति हो रही है । लोकमानस में घुसी दुष्प्रवृत्तियों का उन्मूलन करने के लिए इस बार उसका स्वरूप ऋतम्भरा प्रज्ञा को ही हो सकता | था । ब्यापक क्षेत्र का परिशोधन, जनमानस का परिष्कार करने के लिए जिस दिव्य चेतना का अवतरण ऊँचे लोकों से धरती पर इन दिनों हो रहा है, उसे युग' शक्ति गायत्री कहा गया है। उसकी भूमिका विश्वमाता जैसी है, उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में उसी का आलोक काम करेगा । नवनिर्माण के लिए इन दिनों जिस प्रचण्ड आत्मशक्ति की आवश्यकता अनुभव की जा रही है। उनका दिव्य अनुदान संत्र्स्त मानवता को युग शक्ति गायत्री के रूप में ही मिलने जा रहा है। व्यक्ति और समाज की समस्याओं का चिरस्थाई समाधान इसी माध्यम से सम्भव होगा ।

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