जैनत्व की झांकी | Jain Tatva Ki Jhaki

जैनत्व की झांकी | Jain Tatva Ki Jhaki

जैनत्व की झांकी | Jain Tatva Ki Jhaki

जैनत्व की झांकी | Jain Tatva Ki Jhaki के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : जैनत्व की झांकी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Amarchandra Ji | Shri Amarchandra Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 6.6 MB है | पुस्तक में कुल 198 पृष्ठ हैं |नीचे जैनत्व की झांकी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | जैनत्व की झांकी पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Knowledge

Name of the Book is : Jain Tatva Ki Jhaki | This Book is written by Shri Amarchandra Ji | To Read and Download More Books written by Shri Amarchandra Ji in Hindi, Please Click : | The size of this book is 6.6 MB | This Book has 198 Pages | The Download link of the book "Jain Tatva Ki Jhaki" is given above, you can downlaod Jain Tatva Ki Jhaki from the above link for free | Jain Tatva Ki Jhaki is posted under following categories dharm, Knowledge |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 6.6 MB
कुल पृष्ठ : 198

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एक दिन 'जैनत्व की झांकी' का उद्घाटन धड़कते दिल से किया गया था। उस समय किसे पता था कि झांकी, इतनी शीघ्रता से समाज में आदर का स्थान प्राप्त कर लेगी उच्च कोटि के समाचार पत्रों ने दिल खोलकर प्रशंसा की विद्वानों ने मुक्त-कंठ से सराहा। विद्यालयों और गुरुकुलों ने अपने-अपने पाठ्यक्रमों में गौरवपूर्ण स्थान दिया । साधारण पाठक भी जैन-अजैन सभी यथावसर मँगाते रहे और प्रशंसापत्र भेजते रहे ।

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