जनपद जालौन के कृषि विकास में जिला सरकारी बैंक की भूमिका | Janpad Jaluan Ke Krishi Vikas May Jila Shakhari Bank Ki Bhumika” के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : जनपद जालौन के कृषि विकास में जिला सरकारी बैंक की भूमिका है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Sharad Ji Shrivastav | Sharad Ji Shrivastav की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Sharad Ji Shrivastav | इस पुस्तक का कुल साइज 259.5 MB है | पुस्तक में कुल 359 पृष्ठ हैं |नीचे जनपद जालौन के कृषि विकास में जिला सरकारी बैंक की भूमिका का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | जनपद जालौन के कृषि विकास में जिला सरकारी बैंक की भूमिका पुस्तक की श्रेणियां हैं : Agriculture
Name of the Book is : Janpad Jaluan Ke Krishi Vikas May Jila Shakhari Bank Ki Bhumika | This Book is written by Sharad Ji Shrivastav | To Read and Download More Books written by Sharad Ji Shrivastav in Hindi, Please Click : Sharad Ji Shrivastav | The size of this book is 259.5 MB | This Book has 359 Pages | The Download link of the book "Janpad Jaluan Ke Krishi Vikas May Jila Shakhari Bank Ki Bhumika" is given above, you can downlaod Janpad Jaluan Ke Krishi Vikas May Jila Shakhari Bank Ki Bhumika from the above link for free | Janpad Jaluan Ke Krishi Vikas May Jila Shakhari Bank Ki Bhumika is posted under following categories Agriculture |
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ऐसा नहीं कि आज ये प्रयास सर्व प्रथम किये जा रहे हों वरन् सहकारिता आन्दोलन (जो कि भारत में 1904 में प्रारम्भ हुआ) की सफलता सुनिश्चित करने हेतु, कई प्रकार के अभिनव प्रयास व प्रयोग देश में व प्रदेश में एक निश्चित नीति के रूप में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने 1937 में 'कृषि साख विभाग की स्थापना के साथ-साथ प्रारम्भ किये गये थे, जिसके अन्तर्गत सहकारिता को एक विश्वसनीय व शीघ्रगामी अनिवार्य केन्द्र मानकर, ग्रामस्तर पर प्राथमिक समितियां, जनपद स्तर पर केन्द्रीय सहकारी बैंक और राज्य स्तर पर शीर्ष सहकारी बैंक खोलकर इनकी सहायतार्थ रिजर्व बैंक आफ इण्डिया, को एक मित्र, एक दार्शनिक तथा एक पथ-प्रर्दशक की भूमिका सौंपी गई थी