काला फूल | Kala Ful के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : काला फूल है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Pt. Sidhdgopal | Pt. Sidhdgopal की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Pt. Sidhdgopal | इस पुस्तक का कुल साइज 6.9 MB है | पुस्तक में कुल 244 पृष्ठ हैं |नीचे काला फूल का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | काला फूल पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Kala Ful | This Book is written by Pt. Sidhdgopal | To Read and Download More Books written by Pt. Sidhdgopal in Hindi, Please Click : Pt. Sidhdgopal | The size of this book is 6.9 MB | This Book has 244 Pages | The Download link of the book " Kala Ful" is given above, you can downlaod Kala Ful from the above link for free | Kala Ful is posted under following categories history |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
उन्नीसवीं शताब्दीमें कितने ही असाधारण व्यक्ति हो गये हैं। वह युग ही विलक्षणताका था | एकसे एक राजनीतिश, वैज्ञानिक, तत्त्ववेत्ता, कवि और उपन्यासकार हुए हैं। अलेक्जेंडर इयुमाकी गणना भी ऐसे ही असाधारण व्यक्तियोमें की जानी चाहिए। उसका पिता जनरल ड्यूमा भी साधारण व्यक्ति न था । उसने भी कई वीरता-पूर्ण काम किये थे। किन्तु उसके स्वभावमें बड़ी उच्छृङ्खलता थी । किसीका नियन्त्रण अथवा शासन उसे सह्य न था । परिणाम यह हुआ कि नेपोलियन बोनापार्ट उससे अप्रसन्न हो गया। वह अपने पदसे हटा दिया गया। तबसे वह मृत्युपर्यन्त फ्रांसके एक कोनमें चुपचाप पड़ा रहा।