कल्पलता | Kalpalata के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : कल्पलता है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Hazari Prasad Dwivedi | Acharya Hazari Prasad Dwivedi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Acharya Hazari Prasad Dwivedi | इस पुस्तक का कुल साइज 25 MB है | पुस्तक में कुल 210 पृष्ठ हैं |नीचे कल्पलता का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कल्पलता पुस्तक की श्रेणियां हैं : Social
Name of the Book is : Kalpalata | This Book is written by Acharya Hazari Prasad Dwivedi | To Read and Download More Books written by Acharya Hazari Prasad Dwivedi in Hindi, Please Click : Acharya Hazari Prasad Dwivedi | The size of this book is 25 MB | This Book has 210 Pages | The Download link of the book "Kalpalata" is given above, you can downlaod Kalpalata from the above link for free | Kalpalata is posted under following categories Social |
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बच्चे कभी-कभी चक्करमें डाल देनेवाले प्रश्न कर बैठते हैं। अल्पज्ञ पिता बड़ा दयनीय जीव होता है। मेरी छोटी लड़कीने जब उस दिन पूछ दिया कि आदमी के नाखून क्यों बढ़ते हैं, तो मैं कुछ सोच ही नहीं सका । हर तीसरे दिन नाखून बढ़ जाते हैं। बच्चे कुछ दिनतक अगर उन्हें बढ़ने । दें, तो मां-बाप अकसर उन्हें डॉटा करते हैं। पर कोई नहीं जानता कि ये अभागे नाखून क्यों इस प्रकार बढ़ा करते हैं । काट दीजिए, वे चुपचाप दण्ड स्वीकार कर लेंगे ; पर निर्लज अपराधीकी भाँति फिर छूटते ही सेधपर हाज़िर । आखिर ये इतने बेड्या क्यों हैं ?