किसानो की कामधेनु | Kisano Ki Kaamdhenu

किसानो की कामधेनु | Kisano Ki Kaamdhenu

किसानो की कामधेनु | Kisano Ki Kaamdhenu के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : किसानो की कामधेनु है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Dularelaal Bhargav | Shri Dularelaal Bhargav की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 03.8 MB है | पुस्तक में कुल 64 पृष्ठ हैं |नीचे किसानो की कामधेनु का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | किसानो की कामधेनु पुस्तक की श्रेणियां हैं : Agriculture

Name of the Book is : Kisano Ki Kaamdhenu | This Book is written by Shri Dularelaal Bhargav | To Read and Download More Books written by Shri Dularelaal Bhargav in Hindi, Please Click : | The size of this book is 03.8 MB | This Book has 64 Pages | The Download link of the book "Kisano Ki Kaamdhenu" is given above, you can downlaod Kisano Ki Kaamdhenu from the above link for free | Kisano Ki Kaamdhenu is posted under following categories Agriculture |


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पुस्तक का साइज : 03.8 MB
कुल पृष्ठ : 64

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किसान भाइयो, क्या तुमने अपने दुःखोके कारणोको ढूँढनका कभी यत्न किया है या उनको अपने भाग्यका फल मानकर चुपचाप सहते चले जाते हो मैने तुम लोगकी दशाको देखकर जहाँ तक विचार किया है वहाँ तक मेरी समझमें यही बात आती है कि तुम लोग अपने दुःखको अपने नसबका फल मानकर ही चुप रह जाते हो । तम लोग अपने दुःखों के कारणों को ढूँढनेका कभी विचार तक नहीं करने, उनको दूर करनेका यत्न तो बहुत दूरकी वात है । दुःग्वेको सहते-सहते अब तुमको वे मंज-से गए है, तुमको उनके सहनेकी आदत-सी पड़ गई है ।

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