कुलदेवियां | Kuldeviya के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : कुलदेवियां है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ratan Singh Sekhavat | Ratan Singh Sekhavat की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Ratan Singh Sekhavat | इस पुस्तक का कुल साइज 1.5 MB है | पुस्तक में कुल 51 पृष्ठ हैं |नीचे कुलदेवियां का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कुलदेवियां पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Kuldeviya | This Book is written by Ratan Singh Sekhavat | To Read and Download More Books written by Ratan Singh Sekhavat in Hindi, Please Click : Ratan Singh Sekhavat | The size of this book is 1.5 MB | This Book has 51 Pages | The Download link of the book "Kuldeviya" is given above, you can downlaod Kuldeviya from the above link for free | Kuldeviya is posted under following categories history |
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लोक देवियों हमारी संस्कृति की का प्रमुख अंग हैं वनवासी से लेकर नगरीय समाज तक इनका प्रभुत्य एवं प्रभामंडल स्थापित हैं। भारत का जनमानस देवताओं की पत्नियों को दैवीय शक्ति के प्रतीक के रुप में मान्यता देता है तथा इनकी स्वतंत्र सत्ता भी स्थापित है। शक्ति के रुप में उनकी वंदना एवं आराधना की जाती है। इसके अतिरिक्त लोक में प्रचलित एवं जन मान्य देवियों की संख्या भी कम नहीं है। मत्स्य पुराण, कश्यप संहिता में इनको सूचिबद्ध भी किया गया है। हिन्दुओं में सती, पार्वती, लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा, चंडी, कालिका आदि प्रमुख देवियां है। सप्त मातृकाओं में ब्राह्मी, महेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इंद्राणी और चामुंडा की गणना होती है। अष्टमातृकापट में नारसिंही का भी अंकन होता है।