कुरआन पर अनुचित आक्षेप | Kuraan Par Anuchit Aakshep

कुरआन पर अनुचित आक्षेप : नसीम ग़ाज़ी | Kuraan Par Anuchit Aakshep : Nasim Ghazi

कुरआन पर अनुचित आक्षेप : नसीम ग़ाज़ी | Kuraan Par Anuchit Aakshep : Nasim Ghazi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : कुरआन पर अनुचित आक्षेप है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Nasim Ghazi | Nasim Ghazi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1 MB है | पुस्तक में कुल 47 पृष्ठ हैं |नीचे कुरआन पर अनुचित आक्षेप का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कुरआन पर अनुचित आक्षेप पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, islam

Name of the Book is : Kuraan Par Anuchit Aakshep | This Book is written by Nasim Ghazi | To Read and Download More Books written by Nasim Ghazi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1 MB | This Book has 47 Pages | The Download link of the book "Kuraan Par Anuchit Aakshep" is given above, you can downlaod Kuraan Par Anuchit Aakshep from the above link for free | Kuraan Par Anuchit Aakshep is posted under following categories dharm, islam |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 1 MB
कुल पृष्ठ : 47

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कुछ किताब के बारे में
एक दिन हमारे ऑफ़िस में तीन व्यक्ति आए। उनमें से एक सज्जन अपनी वेशभूषा से किसी धार्मिक मिशन के अधिकारी मालूम होते थे । वैठने के बाद उन्होंने ने अपना परिचय कराते हुए बताया कि वे एक स्कूल में अध्यापक हैं, इस्लाम और कुरआन के बारे में कुछ प्रश्न उनके सामने आए हैं, उनके उत्तर वे मालूम करना चाहते हैं। यह कहते हुए उन्होंने अपने बैग से एक पुस्तिका निकाली और हमारे सामने रख दी। हमने उसपर दृष्टि डाली तो उसमें कुरआन मजीद की कुछ आयतों के बारे में वही आक्षेप थे जिन्हें कुछ हिन्दू संस्थाओं
और लोगों की ओर से उनकी पृष्ठभूमि और सन्दर्भ से अलग करके और उनका मनमाना अनुवाद व व्याख्या करके बड़े पैमाने पर फैलाया जाता रहा है। ये आक्षेप कुरआन मजीद की उन आयतों के बारे में थे जिनका सम्बन्ध विशेषकर जिहाद, युद्ध, काफ़िर, कुफ्र, शिर्क और मूर्तिपूजा से था। हमने उन लोगों के सामने उन आक्षेपों की वास्तविकता रखी और फिर उन आक्षेपों का उत्तर देने की कोशिश की। | बातचीत के बाद ईशग्रन्थ कुरआन का अनुवाद, ईशदूत हज़रत मुहम्मद (सल्ल०)' की जीवनी और कुछ अन्य इस्लामी पुस्तकें उन्हें भेटस्वरूप पेश की गई और उनसे अनुरोध किया गया कि वे इस्लाम और कुरआन का खुद अध्ययन करें।
कुछ समय बाद वे सज्जन मिलने आए और उन्होंने बताया कि कुरआन मजीद और अन्य इस्लामी किताबों का उन्होंने अध्ययन किया, जिसके बाद वे इसी निष्कर्ष पर पहुँचे कि कुरआन पर किए जानेवाले आक्षेप बेबुनियाद और भ्रामक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुरआन मजीद की शिक्षाएँ वास्तव में

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