लोक जीवन | Lok Jeevan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : लोक जीवन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Duttatreya Balkrishna Kalelkar | Duttatreya Balkrishna Kalelkar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Duttatreya Balkrishna Kalelkar | इस पुस्तक का कुल साइज 7.2 MB है | पुस्तक में कुल 206 पृष्ठ हैं |नीचे लोक जीवन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | लोक जीवन पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, politics
Name of the Book is : Lok Jeevan | This Book is written by Duttatreya Balkrishna Kalelkar | To Read and Download More Books written by Duttatreya Balkrishna Kalelkar in Hindi, Please Click : Duttatreya Balkrishna Kalelkar | The size of this book is 7.2 MB | This Book has 206 Pages | The Download link of the book "Lok Jeevan" is given above, you can downlaod Lok Jeevan from the above link for free | Lok Jeevan is posted under following categories Knowledge, politics |
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प्रबोधिनी अकादशी के दिन देव निद्रा छोडकर अठते है । गरीवो का देव भी अब जागृत हुआ है और हज़ारो बरस के बाद जनता भी गाँवो के प्रति अपना क्या धर्म है अिसे सोचने लगी है। स्वराज्य की अपासना और स्वातंत्र्य का ध्यान करते-करते देशसेवको को यह साक्षात्कार हुआ कि भारत की सच्ची शक्ति गाँवो मे रहनेवाले हिन्दुस्तान के करोडो गरीबो और अनकी लाखो बरस की मजी हुआ सस्कृति के अन्दर है। अब लोग गाँवो का कीर्तन करने लगे है ।