महाकवियों की अमर रचनाएँ | Mahakaviyo Ki Amar Rachnayen

महाकवियों की अमर रचनाएँ | Mahakaviyo Ki Amar Rachnayen

महाकवियों की अमर रचनाएँ | Mahakaviyo Ki Amar Rachnayen

महाकवियों की अमर रचनाएँ | Mahakaviyo Ki Amar Rachnayen के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : महाकवियों की अमर रचनाएँ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 5.9 MB है | पुस्तक में कुल 176 पृष्ठ हैं |नीचे महाकवियों की अमर रचनाएँ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | महाकवियों की अमर रचनाएँ पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Poetry

Name of the Book is : Mahakaviyo Ki Amar Rachnayen | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 5.9 MB | This Book has 176 Pages | The Download link of the book " Mahakaviyo Ki Amar Rachnayen" is given above, you can downlaod Mahakaviyo Ki Amar Rachnayen from the above link for free | Mahakaviyo Ki Amar Rachnayen is posted under following categories Knowledge, Poetry |

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पुस्तक का साइज : 5.9 MB
कुल पृष्ठ : 176

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प्राचीन काल में कान्यकुब्ज प्रदेश में शोण नद के पश्चिम भाग में प्रीतिकूट नाम का एक गाँव था। वहाँ वात्स्या-गोत्र में उत्पन्न वैदिक-किया-निपुण कुवेर नाम के एक श्रेष्ठ पण्डित थे। उन्ही के वंश में चित्रभानु नामक पण्डित पैदा हुए । उनकी पत्नी का नाम राज्यदेवी था। उन्हीं के पुत्र महाकवि बाणभट्ट पैदा हुए । जब बाण चालक ही थे तो उनकी माता का परलोकवास हो गया चित्रभानु नै ' बाण की मातृवत् पालन पोषण एवं विधिपूर्वक संस्कार किया। जब बाण चौदह वर्ष के थे तो चित्रभानु का भी परलोकवास हो गया।

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