महावीर कर्ण पंडित रामनारायण | Mahaveer Karn Pandit Ramnarayan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : महावीर कर्ण पंडित रामनारायण है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 3.56 MB है | पुस्तक में कुल 138 पृष्ठ हैं |नीचे महावीर कर्ण पंडित रामनारायण का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | महावीर कर्ण पंडित रामनारायण पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge
Name of the Book is : Mahaveer Karn Pandit Ramnarayan | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 3.56 MB | This Book has 138 Pages | The Download link of the book "Mahaveer Karn Pandit Ramnarayan" is given above, you can downlaod Mahaveer Karn Pandit Ramnarayan from the above link for free | Mahaveer Karn Pandit Ramnarayan is posted under following categories Knowledge |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
द्वापर में महावीर कर्ण एक बड़े भारी पराक्रमी हो गए हैं। उन्होंने अपने पुरुषार्थ और तपस्या से धनुर्वेद का ऐसा अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया था कि उनके समक्ष उस युग का कोई भी वीर नहीं ठहर सकता था उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि उन्होंने अपना गृहीत बाना अपनी मृत्यु तक निबाहा । सूत जातिकै अधिरथ ने उनका पालन-पोषण किया था, पर उन्होंने उस धर्म-पिता से पराङ्मुख होकर अपनी वास्तविक जाति का - ज्ञान हो जाने पर भी, उनका त्याग नहीं किया। इसके लिये उन्हेंबारंबार अपमानित होना पड़ा; किंतु उन्होंने इसकी चिंता कभी नहीं की वे सूतपुत्र कहलाने से ही अपने को गौरवान्वित समझते रहे।