महिलाओं के मुद्दे : लेनिन हिंदी पुस्तक | Mahilaon Ke Mudde : Lenin Hindi Book

महिलाओं के मुद्दे : लेनिन हिंदी पुस्तक | Mahilaon Ke Mudde : Lenin Hindi Book

महिलाओं के मुद्दे : लेनिन हिंदी पुस्तक | Mahilaon Ke Mudde : Lenin Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :

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पुस्तक का साइज : 1.13 MB
कुल पृष्ठ : 44

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दुनिया की महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये महिलाओं की योग्यता समाज के लिए उनके द्वारा किए गए बहुत अच्छे काम का सबूत है। सर्वहारा के अधिनायकवाद के इस पहले प्रयोग ने महिलाओं के लिए सामाजिक बराबरी का रास्ता साफ किया है। अधिकतर महिलावादी साहित्य की अपेक्षा इसने ज्यादा पूर्वाग्रहों को खत्म किया है। बावजूद इस सबके अभी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं का कम्युनिस्ट आंदोलन नहीं है। जल्द ही हमें ऐसा आंदोलन खड़ा करना चाहिए। ऐसे आंदोलन के बगैर हमारे इंटरनेशनल और उसकी पार्टियों का काम अधूरा रहेगा वह कभी भी पूरा नहीं हो सकेगा। हमारा क्रांतिकारी काम संपूर्णता में होना चाहिए। मुझे बताओ कि विदेशों में हमारा कम्युनिस्ट आंदोलन कैसा चल रहा है? उस समय जितना मैं बता सकती थी- जबकि कॉमिटर्न की पार्टियों के आपस में संबंध ढीले और छिटपुट थे- मैंने बताया। कुछ आगे झुककर बैठे लेनिन ने ध्यान से हर बात सुनी। उनके चेहरे पर ऊब जल्दबाजी या थकावट का कोई निशान नहीं था। यहां तक कि कम महत्व के विवरण पर भी उन्होंने ध्यान दिया। मैंने उनसे बेहतर श्रोता कभी नहीं देखा। साथ ही ऐसा व्यक्ति भी जिसने जो कुछ सुना और उतनी ही तेजी से उसका सैद्धांतिकरण कर लिया। यह इस बात से पता चलता है कि जो कुछ मैंने उन्हें बताया उस पर उन्होंने समय-समय पर छोटे और सटीक प्रश्न किए। जो कुछ मैंने बयान किया था उसके एक या दूसरे मुद्दे पर वे बाद में आए। लेनिन ने कुछ छोटे-मोटे विवरण भी दर्ज किए। जाहिर है कि मैंने जर्मनी के काम-काज के बारे में सविस्तार बताया। रोजा लक्जमबर्ग द्वारा क्रांतिकारी संघर्ष में अधिक से अधिक महिलाओं को लाने की बात के व्यापक महत्व के बारे में मैंने लेनिन 6

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1 Comment
  1. Kundan Das Balla says

    thanks for this great work

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