मानवीय शक्तियों का परिचय तथा उनका विकास : प्रियरत्न | Manveey Shaktiyon Ka Parichay Aur Unka Vikas : Priyaratn के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मानवीय शक्तियों का परिचय तथा उनका विकास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Priyaratn | Priyaratn की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Priyaratn | इस पुस्तक का कुल साइज 2.3 MB है | पुस्तक में कुल 57 पृष्ठ हैं |नीचे मानवीय शक्तियों का परिचय तथा उनका विकास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मानवीय शक्तियों का परिचय तथा उनका विकास पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, hindu
Name of the Book is : Manveey Shaktiyon Ka Parichay Aur Unka Vikas | This Book is written by Priyaratn | To Read and Download More Books written by Priyaratn in Hindi, Please Click : Priyaratn | The size of this book is 2.3 MB | This Book has 57 Pages | The Download link of the book "Manveey Shaktiyon Ka Parichay Aur Unka Vikas" is given above, you can downlaod Manveey Shaktiyon Ka Parichay Aur Unka Vikas from the above link for free | Manveey Shaktiyon Ka Parichay Aur Unka Vikas is posted under following categories dharm, hindu |
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वस्तु को उठाते है वही उठता है न कि संसार के सारे पदार्थ मन तो दूर रहा नेत्र आदि इन्द्रियों को भी न्याय दर्शन में अनुमान द्वारा सिद्ध किया है । किन्तु योग एि से तो इन्द्रियों और मन आदि का भी प्रान्त रिक प्रत्यक्ष हो जाता है । मन म्ने सङ्कल्प और विकल्प किया जाता है । वुद्धि सन्देह शीर निश्चय करती है । नित्त से भूत और भविष्यत् का स्मरण किया जाता है
और अहङ्कार से ममता व अहम्भाव का सेवन होता है। इस प्रक र मन आदि आन्तरिक पदार्थों के ये दो दो धर्म या मार्ग है ( शेष आगामी सप्ताह में )।