मीरा की अभिव्यञ्जन शैली | Meera Ki Abhivyanjan Shaili

मीरा की अभिव्यञ्जन शैली | Meera Ki Abhivyanjan Shaili

मीरा की अभिव्यञ्जन शैली | Meera Ki Abhivyanjan Shaili के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मीरा की अभिव्यञ्जन शैली है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Usha Kiran Sharma | Dr. Usha Kiran Sharma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 16.2 MB है | पुस्तक में कुल 368 पृष्ठ हैं |नीचे मीरा की अभिव्यञ्जन शैली का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मीरा की अभिव्यञ्जन शैली पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : Meera Ki Abhivyanjan Shaili | This Book is written by Dr. Usha Kiran Sharma | To Read and Download More Books written by Dr. Usha Kiran Sharma in Hindi, Please Click : | The size of this book is 16.2 MB | This Book has 368 Pages | The Download link of the book " Meera Ki Abhivyanjan Shaili" is given above, you can downlaod Meera Ki Abhivyanjan Shaili from the above link for free | Meera Ki Abhivyanjan Shaili is posted under following categories literature |

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पुस्तक का साइज : 16.2 MB
कुल पृष्ठ : 368

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मनुष्य एक युग-सापेक्ष सामाजिक प्राणी है, जो अपनी युगीन परिस्थितियों से प्रभावित, नियन्त्रित और निर्मित होता है । कवि भी इसी मानव-समाज का एक अनुभूतिशील सचेतन अंग है । उसका व्यक्तित्व एवं कृतित्व भी तयुगीन परिस्थितियों और चतुदिक् याप्त परिवेश से अनुप्राणित और प्रभावित होता है । सामान्य कवि जहां अपनी युगीन परिस्थितियों का सहज परिणाम या उपज मात्र होता है, वहां महान् कवि अपने विशाल व्यक्तित्व और उच्चादश के द्वारा युग का निर्माता और भाग्यविधाता भी बन जाता है ।

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