मोक्षमार्ग प्रकाशक की किरणें | Mokshmarg Prakashak Ki Kirane

मोक्षमार्ग प्रकाशक की किरणें | Mokshmarg Prakashak Ki Kirane

मोक्षमार्ग प्रकाशक की किरणें | Mokshmarg Prakashak Ki Kirane के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मोक्षमार्ग प्रकाशक की किरणें है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Todarmal ji | Todarmal ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 12.7 MB है | पुस्तक में कुल 449 पृष्ठ हैं |नीचे मोक्षमार्ग प्रकाशक की किरणें का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मोक्षमार्ग प्रकाशक की किरणें पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm

Name of the Book is : Mokshmarg Prakashak Ki Kirane | This Book is written by Todarmal ji | To Read and Download More Books written by Todarmal ji in Hindi, Please Click : | The size of this book is 12.7 MB | This Book has 449 Pages | The Download link of the book "Mokshmarg Prakashak Ki Kirane" is given above, you can downlaod Mokshmarg Prakashak Ki Kirane from the above link for free | Mokshmarg Prakashak Ki Kirane is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |


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पुस्तक का साइज : 12.7 MB
कुल पृष्ठ : 449

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श्रीमान् पंडित प्रवर श्री टोडरमल जी ने मोक्षमार्ग प्रकाशक ग्रन्थ की रचना की है। उसका सातवाँ अधिकार अत्यन्त उपयोगी है, क्योंकि वस्तुस्वरूप जैन धर्म है; तथापि उसके अनुयायी उसे कुलधर्म मान बैठते हैं और स्वयं वस्तुस्वरूप धर्म के अनुयायी हैं—ऐसा मानकर श्रद्धा,ज्ञान, चारित्र, तप, स्वाध्याय,प्रत्याख्यान, पुण्य, नवतत्त्व, अनुप्रेक्षा, निश्चय और व्यवहारादि में कैसी गम्भीर भूलें करते हैं उसका इस सातवें अधिकार में अत्यन्त सुन्दर निरूपण किया गया है । इस अधिकारपर पूज्य श्री कानजी स्वामी ने अपनी अत्यन्त रेचक शैली में विशद रीति से वीर सं० २४७६ में प्रवचन किये थे और वे सोनगढ़ से प्रकाशित होने वाली “श्री सद्गुरु प्रवचन प्रसाद' नामकी हस्तलिखित(गुजराती) दैनिक पत्रिका में क्रमशः दिये जा चुके हैं। उन्हीं को संक्षिप्त करके यह पुस्तक प्रकाशित की गई है ।

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