मित्तो बकरी : इसाक बी सिंगर हिंदी पुस्तक | Mitto Bakri : Isaac B Singer Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मित्तो बकरी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Arvind Gupta | Arvind Gupta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Arvind Gupta | इस पुस्तक का कुल साइज 0.53 MB है | पुस्तक में कुल 10 पृष्ठ हैं |नीचे मित्तो बकरी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मित्तो बकरी पुस्तक की श्रेणियां हैं : children, inspirational, Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Mitto Bakri | This Book is written by Arvind Gupta | To Read and Download More Books written by Arvind Gupta in Hindi, Please Click : Arvind Gupta | The size of this book is 0.53 MB | This Book has 10 Pages | The Download link of the book "Mitto Bakri" is given above, you can downlaod Mitto Bakri from the above link for free | Mitto Bakri is posted under following categories children, inspirational, Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
अचानक उसे एक छोटा सा टीला दिखाई दिया. बरफ का इतना बड़ा टीला भला कैसे बना? पास आने पर पता चला कि वो एक सूखी घास का एक ढेर था जिसे सफ़ेद बरफ ने अपनी आगोश में लपेट लिया था. टीले में रुबिन को उममीद की एक किरण नज़र आई. आगे कया करना है? यह गाँव के उस लड़के को अचछी तरह पता था. उसने पहले टीले के ऊपर की बरफ हटाई. फिर उसने सूखी घास के उस टीले में बकरी और खुद के लिए एक छोटी सी गुफा बनाई. अब बाहर चाहें कितनी भी ठणड कयूं न हो अनदर ज़रूर गरमी होगी. और वहां मिततो के खाने के लिए इफरात में घास भी मौजूद थी. जैसे ही मिततो ने घास की खुशबू सूंघी वैसे ही उसका मिमियाना बंद हो गया और उसने घास खाना शुरू कर दी. कयूंकि बाहर अभी भी बरफ पड़ रही थी इसलिए रुबिन ने गुफा का मुंह बंद कर दिया. अनदर हवा आने के लिए उसने लाठी से घास के टीले में एक छेद ज़रूर बनाया. पेट भर कर घास खाने के बाद मिततो अपने पिछले पैरों को मोड़ कर आराम से बैठ गई. ऐसा लगा जैसे लोगों के परति उसका आतमविशवास पुनःसथापित हुआ हो. रुबिन ने डबलरोटी के टुकड़े और पनीर खाया. पर इस मुशकिल यातरा के बाद उसे अभी भी भूख लगी थी. उसने देखा कि मिततो के थन दूध भरे थे. रुबिन बकरी के पास ही लेट गया. फिर रुबिन ने बकरी के थनों को दबाया जिससे दूध सीधा उसके मुंह में जाकर गिरे. दूध गाढ़ा और मीठा था. मिततो इसलिए बहुत खुश थी कयूंकि रुबिन उसे एक ऐसे घर में लाया था जिसकी दीवारें छत और फरश सभी खाने लायक थे रुबिन ने छेद में से बाहर झाँका. बाहर एकदम घुपप अँधेरा था. कया अँधेरा तूफान की वजह से था या फिर रात हो गयी थी? भगवान की बहुत कृपा थी - कयूंकि घास की गुफा में इतनी ठणड नहीं थी. घास के टीले में से जंगली फूलों की सॉधी-सॉंधी खुशबू भी आ रही थी. मिततो के रोएँदार शरीर से भी गरमी आ रही थी इसलिए रुबिन बकरी से लिपट कर लेट गया. वो हमेशा से ही मिततो से बहुत पयार करता था परनतु अब मिततो उसके लिए छोटी बहन जैसी थी. वो वहां एकदम अकेला था और उसे अपने परिवार की याद सता रही थी. इसलिए उसने मिततो से बतियाने लगा. हम लोगों के साथ जो हुआ उसके बारे में तुम कया सोचती हो?