मूर्खों का स्वर्ग : शंकर | Murkhon Ka Swarg : Shanker के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मूर्खों का स्वर्ग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shanker | Shanker की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shanker | इस पुस्तक का कुल साइज 1 MB है | पुस्तक में कुल 24 पृष्ठ हैं |नीचे मूर्खों का स्वर्ग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मूर्खों का स्वर्ग पुस्तक की श्रेणियां हैं : children, comedy, inspirational, Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Murkhon Ka Swarg | This Book is written by Shanker | To Read and Download More Books written by Shanker in Hindi, Please Click : Shanker | The size of this book is 1 MB | This Book has 24 Pages | The Download link of the book "Murkhon Ka Swarg" is given above, you can downlaod Murkhon Ka Swarg from the above link for free | Murkhon Ka Swarg is posted under following categories children, comedy, inspirational, Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
देती ही गाय एक गांव वाले में पास एक गाय थी। वह प्रतिदिन पाच क्लिो दुध देती थी। देहा व मेंच कर जग पो । म में रहता था। गांव के पास ही ही वजह । राT शा। लोग जी के पास यह पता ने आग कि मर माह च भव । ति में हैं।
"आपको कितना दूध चाये? मैं आपको उतना ही ३ डूगा,
हा पता। "क्या तुम पचास किलो दूध दे सकते हो?" उग लोगों में पड़ा। "हां, इसमें वो फल नहीं। "तो ठीक है। हम ग गर भरोग को न?" "आपसे दूध कब चाहिये?" "दूध में पन्द्रह दिन बाद चाहिये।"