नाम सुमीर मन बावरे | Naam Sumir Man Baware

नाम सुमीर मन बावरे | Naam Sumir Man Baware

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नाम सुमीर मन बावरे | Naam Sumir Man Baware के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : नाम सुमीर मन बावरे है | इस पुस्तक के लेखक हैं : osho | osho की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.73 MB है | पुस्तक में कुल 285 पृष्ठ हैं |नीचे नाम सुमीर मन बावरे का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | नाम सुमीर मन बावरे पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Spirituality -Adhyatm

Name of the Book is : Naam Sumir Man Baware | This Book is written by osho | To Read and Download More Books written by osho in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1.73 MB | This Book has 285 Pages | The Download link of the book "Naam Sumir Man Baware" is given above, you can downlaod Naam Sumir Man Baware from the above link for free | Naam Sumir Man Baware is posted under following categories dharm, Spirituality -Adhyatm |

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पुस्तक का साइज : 1.73 MB
कुल पृष्ठ : 285

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अभीप्सा-इन शब्दों को याद रखो। कुतूहल से नहीं होगा कि चलो देखें, क्या होता है अगर गुरु सिर पर हाथ रखे। कुछ भी नहीं होगा। और जब कुछ भी नहीं होगा तो तुम कहोगे कि जब फिजूल की बात है। जिज्ञासा से रखें कि शायद कुछ हो, तो भी नहीं होगा। जब तक कि अभीप्सा से न रखो। होना ही है, हुआ ही है, इधर हाथ छुआ कि वहां हो जाना है—ऐसी श्रद्धा से मांगो तो जरूर हो जाता है; निश्चित हो जाता है। सदा हुआ है। इस जगत् के शाश्वत नियमों में से एक नियम है कि जो पूर्णता से यासा होगा उसकी प्रार्थना सुन ले जाती है। उसकी प्रार्थना पहुंच जाती है। उस दिन बुल्लेशाह ने ही हाथ नहीं रखा जगजीवन पर, बुल्लेशाह के माध्यम से परमात्मा का हाथ जगजीवन के सिर पर आ गया। टटोल तो रहा था, तलाश तो रहा था।

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