नकल बिन अकल | Nakal Binu Akal के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : नकल बिन अकल है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gijubhai Badheka | Gijubhai Badheka की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Gijubhai Badheka | इस पुस्तक का कुल साइज 4 MB है | पुस्तक में कुल 46 पृष्ठ हैं |नीचे नकल बिन अकल का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | नकल बिन अकल पुस्तक की श्रेणियां हैं : children
Name of the Book is : Nakal Binu Akal | This Book is written by Gijubhai Badheka | To Read and Download More Books written by Gijubhai Badheka in Hindi, Please Click : Gijubhai Badheka | The size of this book is 4 MB | This Book has 46 Pages | The Download link of the book "Nakal Binu Akal" is given above, you can downlaod Nakal Binu Akal from the above link for free | Nakal Binu Akal is posted under following categories children |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
सेठानी को बुरा लगा। वह गरज कर बोली में कहती हूं आज ही जाओ और एक गाड़ी भर कर वहां गेहूं डाल आओ। दूसरा हमारे वहां गाय गोरू की कमी है। साथ में एक गाय भी लेते जाओ। सेठ सोच में पड़ गया। यकायक उसके दिमाग में रोशनी हुई। वह खाट पर से उठ रसोईघर में जा कर बोला तुम रास्ते के लिए संबल तैयार कर दो। मैं कल मुंह अंधेरे ही चल दूंगा। लल्ला पास खड़ा था। वह भी साथ जाने के लिए तैयार हो गया।