पल्लीवाल जैन इतिहास | Pallival Jain Itihas

पल्लीवाल जैन इतिहास | Pallival Jain Itihas

पल्लीवाल जैन इतिहास | Pallival Jain Itihas के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : पल्लीवाल जैन इतिहास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Daulat Singh Loda “Arvind” | Shri Daulat Singh Loda “Arvind” की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 5 MB है | पुस्तक में कुल 221 पृष्ठ हैं |नीचे पल्लीवाल जैन इतिहास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पल्लीवाल जैन इतिहास पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

Name of the Book is : Pallival Jain Itihas | This Book is written by Shri Daulat Singh Loda “Arvind” | To Read and Download More Books written by Shri Daulat Singh Loda “Arvind” in Hindi, Please Click : | The size of this book is 5 MB | This Book has 221 Pages | The Download link of the book "Pallival Jain Itihas " is given above, you can downlaod Pallival Jain Itihas from the above link for free | Pallival Jain Itihas is posted under following categories history |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 5 MB
कुल पृष्ठ : 221

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

इस पुस्तक में यथा सम्भव पल्लीवाल जैन रत्नों के परिचय देने का प्रयत्न किया गया है परन्तु फिर भी २० वीं शताब्दी के कई रत्नों का जैसे श्री सन्तलालजी, श्री शङ्करलालजी, श्री गणेशीलालजी, श्री शादीलालजी, श्री वसन्तीलालजी, श्री मोतीलालजी, श्री रतनलालजी, श्री भज्जूलालजी आदि जिन्होंने पंच महाव्रत धारण करके दीक्षा अङ्गीकार की थी, उनके परिचय प्राप्त करने में मुझे सफलता प्राप्त नहीं हो सकी, जिसका खेद रहा है। फिर भी जितनी सामग्री संग्रह की जा सकी है, उसके प्रकाशन से श्री पल्लीवाल जैन जाति के गौरव पर अच्छा प्रकाश पड़ा है । अशा है कि इतिहास प्रेमियों के लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.