पंचतंत्र हिंदी-संस्कृत | Panchtantra Hindi-Sanskrit के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : पंचतंत्र हिंदी-संस्कृत है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 13.8 MB है | पुस्तक में कुल 536 पृष्ठ हैं |नीचे पंचतंत्र हिंदी-संस्कृत का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पंचतंत्र हिंदी-संस्कृत पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Panchtantra Hindi-Sanskrit | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 13.8 MB | This Book has 536 Pages | The Download link of the book "Panchtantra Hindi-Sanskrit " is given above, you can downlaod Panchtantra Hindi-Sanskrit from the above link for free | Panchtantra Hindi-Sanskrit is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
भारतवर्ष जिस प्रकार अनेक विद्याओका भंडार है इसी प्रकार यहांकी नीतिप्रणाली भी अद्वितीय है, ससारमै रहकर जो नीतिशास्त्रसे वंचित हुआ है। मानो उसने बहुत कुछ नहीं जाना और एक प्रकारसे मानो संसार में उसका आगमन निरर्थक ही है, हमारे इस देशके पूर्वज महानुभाव दिव्यस्वभाव त्रिका लक्ष महायानी अचाने जन्मग्रहण करके अपने अनन्त ज्ञानकी महिमासे इस जगत्को अनन्त अनादि जानकर अपने अप्रतिहत योगबलसे ब्रह्मा और ब्रह्मविपर्यक सम्पूर्ण सन्त्र निरूपण करदिये है, तवसे लेकर इस पृथ्वीपर कितनेही राजाओंका आविर्भाव और तिरोभाव, वथा वसुंधरापम् कितनी बार विश्व और विपर्यय हुआ है तथा जनसमूहका कितनीबार परिवर्तन हुआ है|
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