परिणीता | Parineeta

परिणीता | Parineeta

परिणीता | Parineeta के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : परिणीता है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Sharatchandra Chatopdhyay | Sharatchandra Chatopdhyay की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 17.6 MB है | पुस्तक में कुल 118 पृष्ठ हैं |नीचे परिणीता का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | परिणीता पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Parineeta | This Book is written by Sharatchandra Chatopdhyay | To Read and Download More Books written by Sharatchandra Chatopdhyay in Hindi, Please Click : | The size of this book is 17.6 MB | This Book has 118 Pages | The Download link of the book "Parineeta " is given above, you can downlaod Parineeta from the above link for free | Parineeta is posted under following categories Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 17.6 MB
कुल पृष्ठ : 118

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लड़की जल लेने गई। उसके चले जाने पर गुरुचरण को । सबसे पहले सौर के तरह-तरह के खर्चे का खयाल आया उसके बाद, किसी मेले-तमाशे की भीड़ के दिनों में जैसे स्टेशन पर गाड़ी पहुँचते ही जिस गाड़ी का दरवाज़ा खुला होता है उसमें तीसरे दर्जे के मुसाफिर गट्ठर-गठरी-बक्स वगैरह लिये-लादे, पागलों की तरह, और लोगों को ढकेलते-गिरातेकुचलते, बदहवास से, पिल पड़ते हैं वैसे ही गुरुचरण के मस्तिष्क के भीतर भाँति-भाँति की दुश्चिन्ताएँ -‘‘मार-मार करती हुई–प्रवेश करने लगीं। उन्हें याद अया कि अभी पारसाल ही उनकी दूसरी कन्या के शुभ विवाह में बऊवाज़ार का यह दुमंज़िला मकान रेहन हो गया है,

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