प्रकाश की ओर | Prakash Ki Aor के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : प्रकाश की ओर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 8.0 MB है | पुस्तक में कुल 340 पृष्ठ हैं |नीचे प्रकाश की ओर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्रकाश की ओर पुस्तक की श्रेणियां हैं : inspirational
Name of the Book is : Prakash Ki Aor | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 8.0 MB | This Book has 340 Pages | The Download link of the book "Prakash Ki Aor" is given above, you can downlaod Prakash Ki Aor from the above link for free | Prakash Ki Aor is posted under following categories inspirational |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
कविरत्न श्री अमरचन्द्रजी महाराज के नाम की आज स्थानकवासी जैन समाज के प्रोर-छोर तक काफी धूम है। उनके शाकर्पणशील व्यक्तित्व की जन-जन के मन-मन पर एक गहरी छाप है। वे समाज के एक प्रतिष्टित सन्त है, प्रौढ विचारक है, चोटी के लेखक है, प्रखर प्रवक्ता हैं । मधुर मुस्कान के साथ उनके प्रबंधन की योजस्विता जन-मन-नयन को चुम्बक की तरह बलात् अपनी शोर खींच लेती है । एक बार भी, जो उनका धार्मिक, आध्यात्मिक और साकृतिक भावनाग्री से श्रोत-प्रोत प्रवचन सुन लेता है, वह हमेशा के लिए उनका बन जाता है।