प्रेमी भक्त | Premi Bhakt के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : प्रेमी भक्त है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Hanuman Prasad Poddar | Hanuman Prasad Poddar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Hanuman Prasad Poddar | इस पुस्तक का कुल साइज 3.1 MB है | पुस्तक में कुल 128 पृष्ठ हैं |नीचे प्रेमी भक्त का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्रेमी भक्त पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Premi Bhakt | This Book is written by Hanuman Prasad Poddar | To Read and Download More Books written by Hanuman Prasad Poddar in Hindi, Please Click : Hanuman Prasad Poddar | The size of this book is 3.1 MB | This Book has 128 Pages | The Download link of the book " Premi Bhakt" is given above, you can downlaod Premi Bhakt from the above link for free | Premi Bhakt is posted under following categories dharm |
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वेश्याकी वाणीने बड़ा काम किया बिल्वमङ्गल चुप होकर सोचने लगा बाल्यकालकी स्मृति उसके मनमें जाग उठी
पिताजीकी भक्ति और उनकी धर्मप्राणताके दृश्य उसकी आँखों के सामने मूर्तिमान् होकर नाचने लगे बिल्वमङ्गलकी हृदयतन्त्री नवीन सुरोंसे बज उठी, विवेककी अग्निका प्रादुर्भाव हुआ, भगवत्प्रे मका समुद्र उमड़ा और उसकी आँखोंसे अश्रुओंकी अजस्र धारा बहने लगी । विल्वमङ्गलने चिन्तामणिके चरण पकड़ लिये और कहा कि 'माता तुने आज मुझको दिव्यदृष्टि देकर कृतार्थ कर दिया ।'