पुर्णयोग | Purna Yog

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पुर्णयोग | Purna Yog

पुर्णयोग | Purna Yog के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : पुर्णयोग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shrinalinikant Gupt | Shrinalinikant Gupt की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 08.91 MB है | पुस्तक में कुल 108 पृष्ठ हैं |नीचे पुर्णयोग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पुर्णयोग पुस्तक की श्रेणियां हैं : health

Name of the Book is : Purna Yog | This Book is written by Shrinalinikant Gupt | To Read and Download More Books written by Shrinalinikant Gupt in Hindi, Please Click : | The size of this book is 08.91 MB | This Book has 108 Pages | The Download link of the book "Purna Yog" is given above, you can downlaod Purna Yog from the above link for free | Purna Yog is posted under following categories health |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 08.91 MB
कुल पृष्ठ : 108

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भारतवर्पमें जो भिन्न-भिन्न साधनमार्ग प्रचलित हैं, वे भी मनुष्यको इस त्रिधा-भिन्न प्रकृतिके अनुसार विभिन्न स्तरोंमें व्यवस्थित हैं। पहला है हठयोग । हठयोगका क्षेत्र मनुष्यका सबसे नीचेका स्तर—उसका स्थूल शरीर है। शरीर और प्राणशक्तिको केन्द्र बनाकर उसके अन्दर ही भगवान्के स्पर्शका अनुभव करना हठयोगका उद्देश्य है। इसके बाद राजयोग मनुष्यके दूसरे स्तरके ऊपर स्थापित है। समस्त मनके द्वारा, मनकी किसी विशेष बृत्ति या खेलद्वारा नहीं, बल्कि मनकी जो मूल प्रकृति है उसी मानस-सत्ता अथवा चित्तके द्वारा राजयोग मनुष्यको साधनमार्ग में नियन्त्रित और परिचालित करता है।

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