पुरातत्व साहित्य कला एक दृष्टि | Puratatva Sahitya Kala Ek Drishti

पुरातत्व साहित्य कला एक दृष्टि | Puratatva Sahitya Kala Ek Drishti

पुरातत्व साहित्य कला एक दृष्टि | Puratatva Sahitya Kala Ek Drishti के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : पुरातत्व साहित्य कला एक दृष्टि है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Bhagwat Sharan Upadhyaya | Bhagwat Sharan Upadhyaya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 06.0 MB है | पुस्तक में कुल 81 पृष्ठ हैं |नीचे पुरातत्व साहित्य कला एक दृष्टि का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पुरातत्व साहित्य कला एक दृष्टि पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge

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पुस्तक का साइज : 06.0 MB
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प्रस्तुत पुस्तक 'पुरातत्व-साहित्य-कला : एक दृष्टि' प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति व पुरातत्व के अग्रणी चिन्तक एवं प्रगतिशील विचार भगवतशरण उपाध्याय के साहित्य संस्थान द्वारा प्रायोजित महामहोपाध्याम गौरीशंकर हीराचन्द पोझा भासन अभिभाषण माला के अन्तर्गत प्रदान किए गए भाषणों का मुद्रित स्वरूप है। डॉ. उपाध्याय ने उक्त अभिभाषणों में पुरातत्व, साहित्य व कला की क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय विषय-वस्तु के स्थान पर पुरातत्व, साहित्य व कला के सार्वभौमिक सिद्धान्तों व तथ्यों को प्रतिपादित करने का प्रयत्न किया है।

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