रूपमती | Roopmati के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : रूपमती है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gulshan And Brijendra | Gulshan And Brijendra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Gulshan And Brijendra | इस पुस्तक का कुल साइज 04.6 MB है | पुस्तक में कुल 184 पृष्ठ हैं |नीचे रूपमती का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | रूपमती पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Roopmati | This Book is written by Gulshan And Brijendra | To Read and Download More Books written by Gulshan And Brijendra in Hindi, Please Click : Gulshan And Brijendra | The size of this book is 04.6 MB | This Book has 184 Pages | The Download link of the book "Roopmati " is given above, you can downlaod Roopmati from the above link for free | Roopmati is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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भारत की ऋतुओं में वर्षा ऋतु सबसे अलौकिक है। घनघोर-घटायें उमड़ आती हैं और इट के बरसती हैं। ताल और नदियाँ एक हो जाते हैं। दीवारों र मखमली काई फूटती है । जंगल-पर्वत, धानी जोड़ा पहन लेते हैं। मिट्टी से भी सुगन्ध आने लगती है। कण-कण पर निखार आ जाता है क्या पशु-पक्षी, या मानव, हर एक के मन में नई आकांक्षायें जन्म लेती हैं । नन्हीं-नन्हीं फुहार पड़ती हैं और पपीहे की 'पीहू-पीहू' से वियोग के मारों का जीवन पहाड़ न जाता है । कोयल की कूक से हूक उठने लगती है|